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Tuesday, 16 August 2011

INDIAN PEOPLES ON THE ROAD

विरोध प्रदर्शन
दिल्ली में अन्ना हज़ारे और उनके सहयोगियों को गिरफ़्तार किए जाने के बाद दिल्ली के अलावा पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए हैं और जगह-जगह लोगों ने गिरफ़्तारियाँ दी हैं.
जम्मू से कर्नाटक तक और कोलकाता से जयपुर तक सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया है.
सरकारी लोकपाल का विरोध करते हुए जनलोकपाल विधेयक पारित करने की मांग करते हुए अन्ना हज़ारे ने मंगलवार, 16 अगस्त से दिल्ली में आमरण अनशन शुरु करने की घोषणा की थी.
लेकिन दिल्ली पुलिस की शर्तें नामंज़ूर करने के बाद उन्हें अनशन की जगह नहीं मिल सकी थी. इसके बाद भी अनशन के लिए घर से निकले अन्ना हज़ारे को अरविंद केजरीवाल सहित कई अन्य सहयोगियों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है.
बाद में एक विशेष अदालत ने इन लोगों को सात दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है.

In anna's village

पटना में विरोध प्रदर्शन
पटना में हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया
महाराष्ट्र के अहमदनगर ज़िले में स्थित अन्ना हज़ारे के गाँव रालेगण सिद्धि में उनकी गिरफ़्तारी की ख़बर पहुँचते ही गाँव निवासी अपने जानवरों सहित सड़क पर आ गए और रास्ता रोक दिया.
अन्ना के एक सहयोगी दत्ता अवारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "पूरे गांव में बंद रखा गया है."
उनका कहना था कि स्कूली छात्रों और युवाओं ने भी इस बंद में पूरा सहयोग दिया है.
रालेगण सिद्धि के ग्राम पंचालय के सदस्य बीमा पोटे ने कहा कि सरकार ने ही नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के ख़िलाफ़ कार्य किया है.
उन्होंने बताया कि कई गाँव वालों ने उपवास भी रखा है.
in mumbai and pune
देश की वाणिज्य राजधानी मुंबई के आज़ाद मैदान में बडी़ संख्या में लोगों ने एकत्रित होकर जनलोकपाल बिल का समर्थन किया और अन्ना हज़ारे की गिरफ़्तारी का विरोध किया.
जगह-जगह लोग समूहों में बाहर निकले और प्रदर्शन किया.
बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद के अनुसार कई लोगों ने गिरफ़्तारियाँ भी दी हैं.
इसके अलावा पुणे और नासिक शहरों में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
वहाँ गांधी टोपी पर 'मी अन्ना हज़ारे' यानी मैं अन्ना हज़ारे लिखी हुई टोपियाँ पहने लोग दिखाई दिए जो मुख्य चौराहे से निकले एक मोर्चा का हिस्सा थे.
In bihar
बीबीसी संवाददाता मणिकांत ठाकुर के अनुसार अन्ना हज़ारे की गिरफ़्तारी के विरोध में पटना समेत बिहार के कई हिस्सों में सड़कों पर उतरे लोगों का धरना और प्रदर्शन मंगलवार दोपहर से जारी है.
प्रदर्शनकारियों में उन छात्रों और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों की तादाद अधिक है, जो अपने हाथों में अन्ना समर्थक नारे लिखी तख्तियों और तिरंगे झंडों को लहराते हुए केंद्र सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं.
"हमें अब किसी दल या किसी दलीय नेता पर ये भरोसा नहीं है कि महंगाई और भ्रष्टाचार कम करने में उनकी कोई दिलचस्पी है. दरअसल सत्ता के लिए वोट की राजनीति करने वालों ने जो ख़ुद को मालामाल और जनता को कंगाल बनाया है, उनको बेनक़ाब करने वाला जनांदोलन हम चाहते हैं"
                                                                                       एक प्रदर्शनकारी
पटना में गाँधी मैदान के पास कारगिल चौक से लेकर डाकबंगला चौराहा और बेली रोड तक अलग-अलग जत्थों में सड़कों पर निकले लोगों में रोष तो है लेकिन वे हिंसा या तोड़फोड़ जैसी कार्रवाई नहीं कर रहे है.
यहाँ सत्ताधारी जनता दल यूनायटेड और भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्त्ता भी अन्ना समर्थक प्रदर्शन में शामिल हो गये हैं. शायद इसीलिये पुलिस भी उन्हें रोकने-टोकने के बजाय सिर्फ़ उन पर नज़र रख रही है.
जो आम लोग यहाँ अन्ना हज़ारे को अपना समर्थन देने के लिए धरना पर बैठे हैं, उनमें से एक का कहना है, "हमें अब किसी दल या किसी दलीय नेता पर ये भरोसा नहीं है कि महंगाई और भ्रष्टाचार कम करने में उनकी कोई दिलचस्पी है. दरअसल सत्ता के लिए वोट की राजनीति करने वालों ने जो ख़ुद को मालामाल और जनता को कंगाल बनाया है, उनको बेनक़ाब करने वाला जनांदोलन हम चाहते हैं."
मंगलवार दोपहर बाद पटना में राजभवन की तरफ़ बढ़ रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बेली रोड पर आगे बढ़ने से रोक दिया.
जगह-जगह पर लोगों के जो झुण्ड नज़र आ रहे हैं, उनके बीच यही चर्चा हो रही है कि बिहार में सन 74 के छात्र आंदोलन के समय ऐसा ही नज़ारे दिखने लगे थे.
उत्तरप्रदेश में बीबीसी संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी का कहना है कि लखनऊ में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
उनका कहना है कि कुछ अन्य ज़िला मुख्यालयों में छिटपुट प्रदर्शन हुए हैं.
इसके अलावा जयपुर में अन्ना हज़ारे के समर्थकों ने उन पर हुई कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अन्ना समर्थकों ने उद्योग मैदान में तीन दिनों का क्रमिक अनशन करने का फ़ैसला किया है.
एजेंसी का कहना है कि चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में विभिन्न स्थानों पर वकीलों, शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं ने रैलियाँ निकालकर विरोध प्रदर्शन किया है.
इसी तरह से पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में अन्ना हज़ारे समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया है.
In south india
बीबीसी संवाददाता उमर फ़ारुक़ के अनुसार आंध्र प्रदेश में भी अन्ना हज़ारे के समर्थन में बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे हैं.
हैदराबाद में दो जगहों पर बड़े प्रदर्शन हुए हैं, इंदिरा पार्क में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और वहाँ सौ लोग अनशन पर बैठे. वहीं तेलुगु देशम पार्टी ने एक रैली निकाली और अपने नेता चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व ने दिन भर का अनशन किया.
उनका कहना है कि विजयवाड़ा, वारंगल, तिरुपति और विशाखापट्टनम सहित कई शहरों में अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं.
पीटीआई के अनुसार तमिलनाडु में भी कई जगह प्रदर्शन हुए हैं.
चेन्नई, कोयबंटूर और मदुराई सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
ख़बरे हैं कि केरल और कर्नाटक में भी बड़ी संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे.

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