दिल्ली। आखिरकार राहुल गांधी ने लोकपाल बिल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर ही दी है। उन्होंने लोकपाल बिल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग की है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान लोकपाल बिल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केवल लोकपाल बिल से भ्रष्टाचार को खत्म नहीं किया जा सकता है। इसे चुनाव आयोग की तरह का दर्जा दिया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सरकारी लोकपाल बिल में बदलाव किए जा सकते हैं। लोकपाल बिल पर राहुल गांधी का यह पहला सुझाव है। सरकारी लोकपाल बिल केबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में पेश किया गया था। उस समय राहुल गांधी ने लोकपाल बिल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की थी। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लोकपाल भी भ्रष्ट हो सकता है इसलिए लोकपाल को मजबूत तरीके से पेश किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के सुझाव के बाद सरकार ने सरकारी लोकपाल बिल में बदलाव के इशारे दिए हैं। अब राहुल गांधी के बयान से 2 बातें निकलकर सामने आ रही हैं। पहला तो उन्होंने कहा है कि लोकपाल भी भ्रष्ट हो सकता है। दूसरा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। इसका मतलब है कि अगर लोकपाल बिल को संवैधानिक दर्जा मिल जाता है तो लोकपाल पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर उसे हटाने में लंबी कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सरकारी लोकपाल बिल में बदलाव किए जा सकते हैं। लोकपाल बिल पर राहुल गांधी का यह पहला सुझाव है। सरकारी लोकपाल बिल केबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में पेश किया गया था। उस समय राहुल गांधी ने लोकपाल बिल पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की थी। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लोकपाल भी भ्रष्ट हो सकता है इसलिए लोकपाल को मजबूत तरीके से पेश किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के सुझाव के बाद सरकार ने सरकारी लोकपाल बिल में बदलाव के इशारे दिए हैं। अब राहुल गांधी के बयान से 2 बातें निकलकर सामने आ रही हैं। पहला तो उन्होंने कहा है कि लोकपाल भी भ्रष्ट हो सकता है। दूसरा कि लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। इसका मतलब है कि अगर लोकपाल बिल को संवैधानिक दर्जा मिल जाता है तो लोकपाल पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर उसे हटाने में लंबी कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी।