नई दिल्ली। देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के रथ के आगे अन्ना हजारे भी आ गए हैं। उन्होंने आडवाणी की इस यात्रा को महज एक दिखावा और सियासी हथकंडा करार दिया है। अन्ना का कहना है कि वह तब तक भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि वह संसद में जन लोकपाल विधेयक का समर्थन नहीं करती। हालांकि भाजपा ने भी मंगलवार को दो टूक शब्दों में कह दी कि हमने कभी भी अन्ना हजारे से समर्थन नहीं मांगा था। सूत्रों ने बताया कि अन्ना ने कहा कि अगर भाजपा शासित राज्य सरकारें अपने यहां लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कानून बनाएं तभी हमारा समर्थन संभव है। उन्होंने कहा कि अगर आडवाणी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वाकई गंभीर हैं तो यात्रा करने की बजाय उन्हें भाजपा शासित सभी राज्य सरकारों से लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए कानून बनाने को कहना चाहिए। अगर आडवाणी ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी प्रस्तावित यात्रा दिखावा के सिवा और कुछ नहीं है।
इस पर भाजपा मंगलवार को हमलावर नजर आई। भाजपा ने कहा कि उसने आडवाणी की यात्रा के लिए अन्ना से कोई समर्थन नहीं मांगा था। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि भ्रष्टाचार व काला धन भाजपा का मुद्दा है और जो भी उसके खिलाफ आंदोलन करेगा, पार्टी उसका समर्थन करेगी। अन्ना हजारे के अनशन से लेकर संसद में जन लोकपाल विधेयक पर भाजपा ने खुलकर अन्ना हजारे का साथ दिया था। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पूरी पार्टी तो अन्ना के आंदोलन के पीछे तक खड़ा कर दिया था। इसके बावजूद अन्ना हजारे को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी की देशव्यापी रथयात्रा रास नहीं आ रही है। अन्ना के प्रहार से भाजपा तिलमिलाई तो जरूर, लेकिन उसने अन्ना के पक्ष में बने माहौल को देखते हुए ज्यादा जवाबी हमला नहीं किया। प्रकाश जावडेकर ने इतना ही कहा कि भाजपा ने आडवाणी की रथयात्रा के लिए अन्ना से समर्थन नहीं मांगा था। अन्ना गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनके अपने निजी विचार हैं। यह जरूरी भी नहीं है कि सभी मुद्दों पर भाजपा से सहमत ही हों। यह अन्ना को तय करना है कि वे आडवाणी की यात्रा का समर्थन करें या नहीं।
इस पर भाजपा मंगलवार को हमलावर नजर आई। भाजपा ने कहा कि उसने आडवाणी की यात्रा के लिए अन्ना से कोई समर्थन नहीं मांगा था। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि भ्रष्टाचार व काला धन भाजपा का मुद्दा है और जो भी उसके खिलाफ आंदोलन करेगा, पार्टी उसका समर्थन करेगी। अन्ना हजारे के अनशन से लेकर संसद में जन लोकपाल विधेयक पर भाजपा ने खुलकर अन्ना हजारे का साथ दिया था। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पूरी पार्टी तो अन्ना के आंदोलन के पीछे तक खड़ा कर दिया था। इसके बावजूद अन्ना हजारे को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी की देशव्यापी रथयात्रा रास नहीं आ रही है। अन्ना के प्रहार से भाजपा तिलमिलाई तो जरूर, लेकिन उसने अन्ना के पक्ष में बने माहौल को देखते हुए ज्यादा जवाबी हमला नहीं किया। प्रकाश जावडेकर ने इतना ही कहा कि भाजपा ने आडवाणी की रथयात्रा के लिए अन्ना से समर्थन नहीं मांगा था। अन्ना गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनके अपने निजी विचार हैं। यह जरूरी भी नहीं है कि सभी मुद्दों पर भाजपा से सहमत ही हों। यह अन्ना को तय करना है कि वे आडवाणी की यात्रा का समर्थन करें या नहीं।