पीएम के ऑफर के बाद और क्या चाहती है टीम अन्ना?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अन्ना हजारे को सबसे बड़ा ऑफर दे दिया है। यह ऑफर है सिविल सोसाइटी के जनलोकपाल बिल पर संसद में बहस करने का। अन्ना हजारे के अनशन के दसवें दिन टीम अन्ना को मिली यह अब तक की सबसे बड़ी पेशकश है। यह टीम अन्ना के लिए जीत की तरह है। अब तक टीम अन्ना सरकार की सभी पेशकशों को ठुकरा रही थी क्योंकि उसे लगता था कि कहीं सरकार अपने बयान से मुकर न जाए। अब जब संसद में प्रधानमंत्री ने सबके सामने जनलोकपाल पर बहस की पेशकश की है तो अन्ना के अनशन को तोड़ने के लिए अब गेंद सिविल सोसाइटी के पाले में आ गई है।
अन्ना हजारे के अनशन के अगर दस दिनों को देखा जाए तो सरकार ने कई मामलों में पहल की है। आज संसद की कार्रवाई के दौरान स्पीकर सहित सभी पार्टियों ने सदन में खड़े होकर अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की अपील की। इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अन्ना हजारे को चिट्ठी भी लिखी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि वे जनलोकपाल बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजेंगे जहां उनके बिल पर चर्चा की जाएगी।
वैसे भी जनलोकपाल बिल पर किसी भी पार्टी की नीयत साफ नहीं है। बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर अन्ना हजारे के अनशन पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें किसी भी पार्टी ने अन्ना हजारे की इस जिद का समर्थन नहीं किया कि जनलोकपाल बिल को इसी सत्र में पेश किया जा सकता है। सभी दलों ने अन्ना हजारे से अनशन तोड़ने की पेशकश की थी। अब ऐसे में अगर सरकार अन्ना हजारे को जनलोकपाल बिल पर संसद में बहस के लिए राजी है तो टीम अन्ना को भी इस मामले में जिद छोड़कर मजबूत लोकपाल बिल को बनाने में सामने आना चाहिए।