रालेगण सिद्धि । गांधीवादी व सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को इंदिरा जी से राजनीति सीखने की जरूरत है। उन्हें "राजनीतिक गुंडों" के बजाय जनता को भरोसा में लेकर सरकार चलानी चाहिए।
एक चैनल को दिए साक्षात्कार में अन्ना ने कहा कि जनता के समर्थन के बिना आप सत्ता हासिल नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नेताओं के भीतर जब तक सत्ता का अहंकार रहेगा वह देश और गरीबों के हित में काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने नेताओं से राजनीतिक अहंकार त्यागने की अपील की। अन्ना ने कहा कि वह गैर कांग्रेसी एवं गैर भाजपाई भ्रष्टाचार मुक्त किसी राजनीतिक संगठन का समर्थन करने तथा उसके लिए प्रचार करने के लिये तैयार हैं।
लेकिन, साफ छवि नेताओं को अपने राजनीतिक पक्ष छोड़कर आगे आना पड़ेगा। अन्ना ने साफ कर दिया कि अगर स्थायी संसदीय समिति जन लोकपाल विधेयक पर उनकी मांगों को नहीं मानती, तब वह दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह उस राजनीतिक दल का नेतृत्व करेंगे जिनमें स्वच्छ छवि वाले नेता हैं, उन्होंने कहा कि वह उनका समर्थन करेंगे, लेकिन वह किसी पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे संसद का सम्मान करते हैं और लोगों से उस पर विश्वास करने को कहते हैं, मगर कुछ सांसदों पर उन्हें विश्वास नहीं है। वे उन लोगों के भी खिलाफ हैं जो जन लोकपाल विधेयक के मार्ग में बाधा बन रहे हैं।
सोनिया गरीबों की हितैषी : कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने सोनिया गांधी के खिलाफ अन्ना के बयान की कड़ी आलोचना की। अल्वी ने कहा कि सोनिया गांधी गरीबों की सबसे बड़ी हितैषी हैं और वह ऎसी नेता हैं, जिन्होंने सत्ता तक का त्याग कर दिया।
हमने समर्थन नहीं मांगा
लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को अन्ना के समर्थन की जरूरत नहीं है। आडवाणी जी की रथ यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ एक राजनीतिक अभियान है। अन्ना भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं। उन्हें अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं। मगर, भाजपा ने कभी उनसे समर्थन नहीं मांगा। प्रकाश जावड़ेकर प्रवक्ता, भाजपा