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Tuesday, 16 August 2011

anna in tihad jail

नई दिल्ली। अभी थोड़ी देर पहले खबर आयी है कि अन्ना हजारे को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है। उन्हें 7 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कानून के रखवालों का कहना है कि ये जो कुछ भी हुआ है वो बहुत सोच-समझकर किया गया है। जरा गौर फरमाइये .. ऐसे आसार मिल रहे थे कि अन्ना की गिरफ्तारी आज सुबह दस बजे जेपी पार्क से होने वाली थी लेकिन अन्ना की गिरफ्तारी मयूर विहार से सुबह 7.32 मिनट पर ही हो गयी ये कहकर की उन्हें शांति भंग करने के तहत हिरासत में लिया गया है।


अन्ना समर्थकों के आव-भाव देखने के बाद अन्ना की गिरफ्तारी की अधिकारिक घोषणा कर दी गयी। ये ऐलान करने से पहले पुलिस ने सैकड़ो की संख्या में दिल्ली पहुंचे अन्ना के समर्थकों को हिरासत में लेकर स्थिति को काबू में किया हुआ था। गौर करने वाली बात ये हैं कि अन्ना के समर्थकों पर अभी तक पुलिस ने रामदेव के समर्थकों की तरह ना तो लाठियां बरसाई और ना ही उनसे कोई तीखा व्यवहार किया। जो कि साफ करता है कि इस बार पुलिस कोई गलती नहीं करना चाहती है।

अन्ना को गिरफ्तार करने के बाद उनके समर्थकों को एक-एक करके गिरफ्तार किया गया वो भी अलग-अलग जगहों पर और यहां तक की गिरफ्तार करने के बाद भी उनके बेहद करीबी साथियों को अन्ना से मिलने नहीं दिया गया और तो और.. उनके साथी भी आपस में मिल नहीं पाये। ये बात किरण बेदी ने खुद एक टीवी चैनल पर फोन पर बतायी।

लोग आक्रामक ना हो, वो पुलिस के ऊपर हावी ना होने पाये इसलिए पुलिस ने अन्ना को ही कुछ देर के लिए गायब कर दिया। और करीब चार घंटे बाद उसने अन्ना को उस मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जिसके जोन में तिहाड़ जेल आती है। चूंकि पहले से पता था कि अन्ना अपनी बेल नहीं करायेगें सो अन्ना की बेल नहीं जेल हुई और अन्ना को वहीं भेज दिया गया । जहां देश के वो लोग मौजूद हैं जो अन्ना के अनशन के सबसे बड़े कारण हैं। यानी कि देश को भ्रष्ट्राचार का तमगा पहनाने वाले सुरेश कलमाड़ी, ए राजा और कनिमोझी जिन्होंने देश को अरबों का चूना लगवाया है।

गौर करने वाली बात ये है कि जहां अन्ना के साथी और सिविल सोसायटी के सदस्यों को एक-एक करके हिरासत में लिया जा रहा था वहां पुलिस ने प्रशांत भूषण को हिरासत में नहीं लिया शायद इसलिए कि प्रशांत भूषण, जो कि खुद एक बहुत अच्छे और प्रख्यात वकील है, वो अन्ना और अन्ना के साथियों के खिलाफ कोर्ट में जायेगें और अर्जी देगें। पुलिस की ये चाल भी कामयाब हुई क्योंकि प्रशांत भूषण कोर्ट पहुंचे और उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दी। अन्ना को जानबूझकर उस मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जो उन्हें केवल तिहाड़ जेल ही भेज सकता था क्योंकि मजिस्ट्रेट के जोन बंटे होते हैं।

पुलिस की चाल आगे भी रंग लाते दिखी क्योंकि अन्ना को तिहाड़ जेल नंबर 4 में भेजा गया है और उनके साथी अरविंद केजरीवाल को जेल नंबर 1 में यानी कि अलग-अलग। अब आगे पुलिस क्या करने वाली है ये तो आने वाला वक्त बतायेगा। लेकिन अन्ना को जेल भेजने के बाद से पुलिस का काम खत्म हो जाता है क्योंकि अब मामला कोर्ट में हैं। लेकिन 16 अगस्त की पूरी कार्रवाई एक सोची-समझी कहानी कहती है जिसके हर अंक में पुलिस की शातिर कामयाब चाल नजर आती है।

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