टीम अन्ना ने उड़ाईं सरकारी लोकपाल बिल की धज्जियां
नई दिल्ली। सरकारी लोकपाल बिल के खिलाफ टीम अन्ना ने 16 अगस्त को प्रस्तावित अनशन से पहले ही अपने आंदोलन को धार दे दी है। उन्होंने जंतर मंतर पर रविवार को इस बात की तस्दीक कर दी कि अब वे सरकार के इस मुद्दे पर दो दो हाथ करने को तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को भी इसमें शामिल होने की अपील की। रविवार के दिन दिल्ली में दो जगह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंधी चली। एक तरफ बाबा रामदेव के समर्थकों ने जहां हवन और यज्ञ के माध्यम से भ्रष्टाचार के रावण को फूंकने की कोशिश की वहीं दूसरी तरफ हजारे पक्ष ने भी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दी। उन्होंने इस दौरान सरकार को
आगाह भी किया कि अगर पुलिस ने उन्हें जंतर मंतर पर या राजधानी में कहीं भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं देती है तो वे गिरफ्तारियां देकर जेल में अनशन करेंगे और देशवासियों से एक सप्ताह के भारत बंद की अपील करेंगे। अन्ना टीम और नागरिक समिति के सदस्य अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर रविवार को लोकपाल विधेयक की प्रतियां जलाई गई। इसके बाद मोमबत्तियां जलाने इंडिया गेट जाना चाह रहे हजारे के समर्थकों को भारी तादाद में मौजूद दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने रोक दिया। इसके कारण प्रदर्शन स्थल पर कुछ समय के लिए पुलिस और हजारे समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति रही।
केजरीवाल ने उस दौरान अपने समर्थकों से कहा, 'जनभावनाओं के खिलाफ और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले विधेयक के विरोध में हम सरकार के प्राधिकार को चुनौती देते हैं। हमें लगता है कि अगर आज हम नहीं लड़े तो कई वर्षों तक हमें यह मौका नहीं मिलेगा। अब लड़ाई आर पार की होगी।'
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस हमें 16 अगस्त से आंदोलन की अनुमति नहीं दे रही है। अगर हमें अनुमति नहीं मिली तो हम गिरफ्तारियां देंगे और अनशन जेल में होगा।' केजरीवाल ने कांग्रेस महासचिव राहुल से भी अपील की कि वह समाज के सदस्यों द्वारा सरकार को दिए जनलोकपाल विधेयक पर विचार कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के हित में कदम उठाएं। केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी किसानों का दर्द समझने भट्टा पारसौल गए। उनके पिता ने भी भ्रष्टाचार को समझा था। हम राहुल से सवाल करते हैं कि अगर वे इन बातों को समझते हैं तो वे क्या कदम उठा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हमने सरकार को अपना जनलोकपाल विधेयक दिया, लेकिन सरकार ने उसे स्वीकार नहीं किया। अगर आपने भी कुछ नहीं किया तो हम यही समझेंगे कि आप बात तो करते हैं, लेकिन कदम नहीं उठाते।'