अन्ना ने कहा, बाबा रामदेव को मंच पर नहीं बुलाऊंगा
नई दिल्ली। आखिरकार अन्ना हजारे ने साफ कर दिया है कि वो बाबा रामदेव को 16 अगस्त से शुरू होने वाले अपने अनशन में शामिल नहीं करेंगे। अन्ना ने बाबा रामदेव के खिलाफ सीधे-सीधे कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि आप मेरे मुंह से क्यों सुनना चाहते हैं। भला बाबा रामदेव के बारे में मीडिया से ज्यादा कौन जान सकता है।
गौरतलब है कि जंतर-मंतर पर जब अन्ना हजारे ने अनशन किया था तो उसमें बाबा रामदेव भी पहुंचे थे। बाबा रामदेव को न सिर्फ मंच पर बुलाया गया बल्कि उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित भी किया। इसके बाद बाबा रामदेव को लेकर आई खबरों ने सिविल सोसायटी को उनसे दूर कर दिया। चार जून को दिल्ली के रामलीला मैदान पर हुए रामदेव के अनशन को अन्ना की टीम ने समर्थन तो दिया लेकिन सीधे-सीधे उसमें शामिल होने से टीम बचती रही।
अब जब लोकपाल बिल को लेकर अन्ना ने 16 अगस्त से अनशन करने की घोषणा कर दी है तो उनसे बार-बार ये सवाल पूछा जा रहा था कि क्या वे बाबा रामदेव को अपने आंदोलन में शामिल करेंगे? ये सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि खुद रामदेव ने अन्ना के आंदोलन में शामिल होने का ऐलान अपनी तरफ से किया हुआ है।
इस सवाल को अन्ना और उनकी टीम टाल रही थी लेकिन अब अन्ना हजारे ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में रामदेव सहयोगी तो हैं, लेकिन वो रामदेव को मंच पर आमंत्रित नहीं करेंगे। अन्ना ने साफ कहा कि रामदेव बाबा के बारे में मीडिया से ज्यादा और कौन जान सकता है। पत्रकारों द्वारा कुरेदने पर अन्ना ने कहा कि अब आप इस बात को मेरे मुंह से क्यों सुनना चाहते हैं।
बाबा रामदेव को अन्ना की नसीहत, कहा- देशहित में सोचें
नई दिल्ली। बाबा रामदेव को अन्ना हजारे ने नसीहत दी है कि वो संकुचित मानसिकता छोड़ दें। अन्ना ने बाबा से कहा है कि उन्हें देशहित को ऊपर रखना चाहिए और जन लोकपाल बिल की ड्राफ्ट कमेटी में वंशवाद जैसी बात नहीं करनी चाहिए। वहीं जन लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमेटी के सह-अध्यक्ष पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने कहा है कि ड्राफ्टिंग कमेटी में योगा नहीं नहीं होगा। शांतिभूषण ने कहा है कि ड्राफ्टिंग कमेटी में कानून की समझ रखने वाले लोगों की जरूरत है न कि योग करने और कराने वालों की।
बाबा रामदेव के वंशवाद के आरोप के बाद अन्ना हजारे, किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल ने कुछ देर पहले प्रशांत भूषण से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इस बैठक में बाबा रामदेव के बयान पर चर्चा हुई है। वहीं चौतरफा घिरते देख बाबा रामदेव ने कहा कि उनके बयान को मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।
बाबा रामदेव ने किरण बेदी को ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल करने की मांग की थी, पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने का कहना है कि उन्हें जनलोकपाल बिल के लिए बनी ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों पर कोई ऐतराज नहीं है। जिन सदस्यों को ड्राफ्टिंग कमेटी में शामिल किया गया है वो बिल्कुल सही है।दरअसल भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में अन्ना को मिली सफलता के बाद बौखलाए बाबा रामदेव ने ड्राफ्टिं कमेटी में शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण को शामिल किए जाने पर आपत्ति जाहिर की थी। बाबा ने कहा था कि ड्राफ्ट कमेटी में वंशवाद पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बाबा के इस बयान से बखेड़ा खड़ा हो गया है और अब अन्ना ने भी बाबा को नसीहत दे दी है कि वो संकुचित मानसिकत से उबरें और देशहित में सोचें। बाबा रामदेव ने किरण बेदी से भी बातचीत की है।
बाबा रामदेव के बयान पर अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हें संकुचित मानसिकता छोड़ें और देशहित को ऊपर रखकर बात करें। अन्ना हजारे ने ड्राफ्टिंग कमेटी में भाई-भतीजावाद के बाबा रामदेव के आरोप पर कहा कि बाबा को ऐसा नहीं सोचना चाहिए। कमेटी में कोई भाई-भतीजावाद नहीं है। उन्होंने कहा कि शांति भूषण और प्रशांत भूषण दोनों अनुभवी हैं और ड्राफ्ट कमेटी में अनुभवी लोगों की जरूरत है। अन्ना ने ये भी कहा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है कमिटी महत्वपूर्ण है।
मालूम हो कि कल तक अन्ना की हर मदद का दावा करने वाले बाबा अब उन पर वंशवाद को बढ़ावा देने जैसे संगीन आरोप लगा रहे हैं। बाबा ने कहा कि 121 करोड़ आबादी में किसी और को जगह क्यों नहीं? किरण बेदी को टीम में जगह क्यो नहीं मिली?
गौरतलब है कि पेशे से वकील प्रशांत भूषण, पूर्व कानून मंत्री और प्रस्तावित ड्राफ्टिंग कमेटी के को-चेयरमैन शांति भूषण के बेटे हैं। कमेटी के दूसरे सदस्यों ने बाबा रामदेव के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि कमेटी में दोनों का चुनाव उनका रिश्ता देखकर नहीं उनकी जानकारी और अनुभव को देखते हुए किया गया है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये महज इत्तेफाक है कि दोनों पिता-पुत्र हैं। दोनों ही काफी अनुभवी और समझदार वकील हैं। अपने चयन को लेकर उठे विवाद के बारे में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि उन्हें अन्ना हजारे ने चुना है और अगर वो कहेंगे तो मैं कमेटी छोड़ देंगे।
दरअसल भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में अन्ना को मिली सफलता के बाद बौखलाए बाबा रामदेव ने ड्राफ्टिं कमेटी में शांति भूषण और उनके बेटे प्रशांत भूषण को शामिल किए जाने पर आपत्ति जाहिर की थी। बाबा ने कहा था कि ड्राफ्ट कमेटी में वंशवाद पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बाबा के इस बयान से बखेड़ा खड़ा हो गया है और अब अन्ना ने भी बाबा को नसीहत दे दी है कि वो संकुचित मानसिकत से उबरें और देशहित में सोचें। बाबा रामदेव ने किरण बेदी से भी बातचीत की है।
बाबा रामदेव के बयान पर अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हें संकुचित मानसिकता छोड़ें और देशहित को ऊपर रखकर बात करें। अन्ना हजारे ने ड्राफ्टिंग कमेटी में भाई-भतीजावाद के बाबा रामदेव के आरोप पर कहा कि बाबा को ऐसा नहीं सोचना चाहिए। कमेटी में कोई भाई-भतीजावाद नहीं है। उन्होंने कहा कि शांति भूषण और प्रशांत भूषण दोनों अनुभवी हैं और ड्राफ्ट कमेटी में अनुभवी लोगों की जरूरत है। अन्ना ने ये भी कहा कि व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है कमिटी महत्वपूर्ण है।
मालूम हो कि कल तक अन्ना की हर मदद का दावा करने वाले बाबा अब उन पर वंशवाद को बढ़ावा देने जैसे संगीन आरोप लगा रहे हैं। बाबा ने कहा कि 121 करोड़ आबादी में किसी और को जगह क्यों नहीं? किरण बेदी को टीम में जगह क्यो नहीं मिली?
गौरतलब है कि पेशे से वकील प्रशांत भूषण, पूर्व कानून मंत्री और प्रस्तावित ड्राफ्टिंग कमेटी के को-चेयरमैन शांति भूषण के बेटे हैं। कमेटी के दूसरे सदस्यों ने बाबा रामदेव के सवाल को खारिज करते हुए कहा कि कमेटी में दोनों का चुनाव उनका रिश्ता देखकर नहीं उनकी जानकारी और अनुभव को देखते हुए किया गया है। वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये महज इत्तेफाक है कि दोनों पिता-पुत्र हैं। दोनों ही काफी अनुभवी और समझदार वकील हैं। अपने चयन को लेकर उठे विवाद के बारे में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि उन्हें अन्ना हजारे ने चुना है और अगर वो कहेंगे तो मैं कमेटी छोड़ देंगे।