नई दिल्ली भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन किए जाने को लेकर टीम अन्ना के सामने दिल्ली पुलिस ने 22 शर्तें रख दी हैं। शर्तो को मानने पर ही पुलिस टीम अन्ना को कुल 58 घंटे के लिए जय प्रकाश नारायण पार्क में अनशन की इजाजत देगी।
इन शर्तो को रखने के पीछे पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट व दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दो मामलों में दिए गए निर्देशों का हवाला दिया है। इसके अलावा यह भी साफ किया है कि टीम अन्ना के पांच प्रमुख सदस्यों अन्ना हजारे,शांति भूषण,प्रशांत भूषण,अरविंद केजरीवाल व किरण बेदी को शर्तें मंजूर करने का एक हलफनामा देना होगा। पुलिस द्वारा रखी गई शर्तो में दो शर्ते प्रमुख हैं।
पुलिस ने कहा है कि अनशन में पांच हजार से ज्यादा लोग एकत्र न हों और 58 घंटे के लिए ही अनशन किया जाए। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई का तर्क दिया था कि उन्होंने योग शिविर के लिए इजाजत मांगी थी। यही कारण है कि पुलिस टीम अन्ना के अनशन में भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है,क्योंकि इस बार भी कोई कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी तो पुलिस अपने को पाक-साफ साबित करने में पीछे न रहे।
टीम अन्ना को 22 में से 20 शर्तें मंजूर
अनशन को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा रखी गईं 22 में से 20 शर्तें अन्ना हजारे ने मान ली हैं। अन्ना की टीम का कहना है कि वे पूरी तरह से शांतिपूर्ण अनशन करना चाहते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि अनशन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। हालांकि पुलिस की दो शर्तों पर अन्ना हजारे को कड़ा ऐतराज है। पुलिस ने कहा है कि अन्ना के आंदोलन में 5 हजार से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए और अनशन 3 दिन बाद समाप्त हो जाना चाहिए। इन दोनों ही शर्तों को अन्ना ने खारिज कर दिया है।
लिखित जवाब मिलने के बाद ही अनशन की इजाजत पर होगी बात
अभी तक हमें कोई औपचारिक जवाब नहीं मिला है। अनौपचारिक तौर पर यह जानकारी में आया है कि अन्ना हजारे व उनकी टीम ने दो शर्तें मानने से इंकार किया है। अभी हम उनके लिखित जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद ही अनशन की इजाजत पर बात की जाएगी। फिलहाल इतना पता चला है कि अनशन में भाग लेने वाले लोगों की संख्या व अनशन की समय सीमा पर मतभेद है। संख्या को सीमित करना इसलिए भी जरूरी है कि यदि लोगों की संख्या क्षमता से ज्यादा होती है तो भगदड़ आदि जैसे माहौल के लिए कौन जिम्मेदार होगा। जहां तक बात रही अनशन की समय सीमा तय करने की तो वह सीपीडब्ल्यूडी के चलते तय की गई है। इतना ही नहीं हाल ही में भाजपा ने जो विरोध प्रदर्शन किया था,उसके लिए दिल्ली पुलिस के सामने एक हलफनामा भी जमा कराया था। इसलिए टीम अन्ना से भी हलफनामा मांगा जा रहा है।
धर्मेंद्र कुमार,स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) दिल्ली पुलिस
कड़ी टिप्पणी के साथ हजारे ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
‘‘65वें स्वतंत्रता दिवस पर आप क्या मुंह लेकर लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। जिस आजादी के लिए क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानी दी, आज स्वतंत्रता दिवस से ठीक दो दिन पहले आप वही आजादी हमसे छीन रहे हैं।’’ यह कड़ी टिप्पणी अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में की है। अन्ना हजारे ने अनशन के लिए स्थान देने में की जा रही आनाकानी से क्षुब्ध होकर यह पत्र लिखा है। हजारे ने हिन्दी में लिखे अपने पत्र में तल्ख शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों का दमन कर रही है।हजारे ने प्रधानमंत्री को भेजे इस खत में लिखा है कि उचित कारण बताए बगैर पुलिस ने उन्हें राजघाट, बोट क्लब, रामलीला मैदान व शहीदी पार्क में से एक भी स्थान पर अनशन की इजाजत नहीं दी। अन्ना ने प्रधानमंत्री से कहा ‘इस सबसे तानाशाही की गंध नही आती? संविधान के परखच्चे उड़ाकर, जनतंत्र की हत्या कर जनता के मौलिक अधिकारों को रौंदना क्या आपको शोभा देता है?’ हजारे ने लिखा है, क्या लोक तंत्र की हत्या और संविधान का उल्लंघन कर मूल अधिकारों को दबाना आपके लिए आवश्यक है? अन्ना का कहना है कि यदि हमारे लोकतंत्र का मुखिया अनशन के लिए कोई स्थान मुहैया कराने में असमर्थ रहता है तो वह गिरफ्तारी देकर जेल जाएंगे और जेल में अपना अनशन जारी रखेंगे। अन्ना ने प्रधानमंत्री से साहस दिखाने की बात कहते हुए कहा है ‘आपकी उम्र 79 साल है, देश के सर्वोच्च पद पर आप आसीन हैं, जिंदगी ने आपको सब कुछ दिया।
अब आपको जिंदगी से और क्या चाहिए। प्रधानमंत्री जी हिम्मत कीजिए और कुछ ठोस कदम उठाइए। लोगों का क हना है कि आपकी सरकार आजादी के बाद देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है।
हालांकि,मेरा मानना है कि प्रत्येक सरकार पिछली सरकार की तुलना में कहीं अधिक भ्रष्ट रही है।’
अनशन के लिए पुलिस द्वारा केवल तीन दिन की इजाजत देने पर सवाल खड़े करते हुए अन्ना ने कहा कि पुलिस ने इसके पीछे कोई वजह तक नहीं बताई है। उन्होंने अपने प्रस्तावित अनशन को इजाजत देने को लेकर सरक ार पर बहाने ढूंढने का आरोप लगाया है। अन्ना हजारे ने पत्र में क हा कि इससे पहले हमें जंतर-मंतर पर अनशन की इजाजत नहीं दी गई और प्रशासन ने कहा कि हमारे अनशन के कारण जंतर-मंतर पर समूचा इलाका भर जाएगा, जिससे अन्य प्रदर्शनों के लिए कोई स्थान नहीं बचेगा। यह सरासर गलत है क्योंकि पिछली बार हमने जंतर-मंतर रोड का केवल कुछ हिस्सा इस्तेमाल किया था।
ये हैं पुलिस की शर्ते
जय प्रकाश नारायण पार्क में 16 अगस्त को सुबह आठ बजे के बाद अनशन शुरू किया जाएगा और 18 अगस्त की शाम छह बजे तक पार्क को खाली कर दिया जाएगा।सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।अनशन में पांच हजार से ज्यादा लोग एकत्र नहीं होंगे।अनशनकारियों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। वे दिन में तीन बार भाग लेने वालों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेंगे और उनके द्वारा अनशनकारी को अस्पताल में भर्ती करने की बात को तुरंत स्वीकार किया जाएगा।केवल 50 कारें व 50 दुपहिया वाहनों को ही अनशन स्थल की पार्किग में खड़ा करने की अनुमति होगी।अनशनकारियों की वजह ये यातायात में किसी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।डीसीपी मध्य जिला की इजाजत के बगैर लाउड स्पीकर या पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम नहीं लगाया जाए। साथ ही लाउड स्पीकर को सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक ही प्रयोग किया जाए।अनशनकारियों के मर्यादा में रहने की जिम्मेदारी आयोजनकर्ता की होगी, जिसके नाकाम होने पर पुलिस उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगी।अनशन के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर आयोजनकर्ता द्वारा स्वयं सेवी/सुरक्षा गार्डो की तैनाती भी की जाए, जो भीड़ पर नियंत्रण भी रखें।आयोजनकर्ता पुलिस को ऐसे तीन जिम्मेदार व्यक्तियों के नाम व फोन नंबर दें, जो पुलिस के साथ संपर्क में रहें।आयोजनकर्ता द्वारा निगम/स्थानीय निकाय से विचार-विमर्श कर अनशनकारियों के लिए पानी व स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक इंतजाम किया जाए।आयोजन स्थल पर मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था की जाए।आयोजन स्थल पर लाइट का भी उचित प्रबंध किया जाए, जिसके लिए जनरेटर आदि की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।अनशनकारी किसी प्रकार का कोई हथियार जैसे लाठी, तलवार, पिस्तौल,रायफल,एके-47,आदि लेकर न आएं। वे केवल नारे लिखे हुए बैनर, पोस्टर आदि ही साथ लेकर आ सकते हैं।अनशन के दौरान कोई भी भड़काऊ भाषण या फिर असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं की जाए।सभी अनशनकारी पुलिस आयुक्त व ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के दिशा-निर्देशों का पालन करें और कानून व्यवस्था बनाए रखें।कोई भी अनशनकारी किसी प्रकार से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाए तथा सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट आदि की घटना को अंजाम न दे।किसी भी धार्मिक स्थल को कोई नुकसान न पहुंचाया जाए।धार्मिक स्थल के 200 मीटर के दायरे में कोई उत्तेजक/भड़काऊ नारेबाजी न की जाए।सड़क पर किसी प्रकार का कोई शामियाना न लगाया जाए तथा न ही कोई सार्वजनिक सभा की जाए।अनशन के दौरान न तो पटाखे छोड़े जाएं और न ही गोलीबारी की जाए।अनशनकारियों को नियंत्रण में रखने की जिम्मेदारी आयोजनकर्ता की होगी,जिसके विफल होने पर आयोजनकर्ता को जिम्मेदार माना जाएगा और इनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।