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Friday 19 August 2011

अन्ना हजारे ने किया महासंग्राम का ऐलान

                          अन्ना हजारे और उनकी टीम ने हजारों समर्थकों के दम पर अनशन के लिए सरकार से रामलीला मैदान ले लिया और समय अवधि की लड़ाई भी जीत ली। इसके साथ ही उनके साथ देश भर में जो जनसैलाब उमड़ा उससे अनशन के कारण तीन किलोग्राम वजन घटने के बावजूद अन्ना की ऊर्जा और आंदोलन के प्रसास की भूख बढ़ती जा रही है। इसी के दम पर अन्ना ने महासंग्राम का ऐलान कर दिया है तिहाड़ जेल से रामलीला मैदान पहुंचते ही 15 दिनों के अनशन की सरकार की मियाद की धज्जियां उड़ाते हुए अन्ना ने जन लोकपाल कानून हासिल होने तक ‘मैदान-ए-जंग’ में डटे रहने का ऐलान कर दिया।

अन्ना बोले आजादी की दूसरी लड़ाई जीतकर रहेंगे
कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश के बीच युवाओं की भीड़ के साथ तिहाड़ से रामलीला मैदान पहुंचे अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जंग को आजादी की दूसरी लड़ाई बताया और क्रांति की मशाल को जीत हासिल होने तक जलाए रखने की अपील लोगों से की। केंद्र सरकार पर देश को लूटने का गंभीर आरोप लगाते हुए अन्ना ने 30 अगस्त तक उनका जनलोकपाल विधेयक संसद से पारित करने की नई डेडलाइन रख दी है। अन्ना ने अपनी ‘लड़ाई’ को व्यवस्था परिवर्तन संग्राम का नाम देते हुए जन लोकपाल से आगे भी तमाम मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने के इरादे जता पहले ही मुसीबतों में घिरी सरकार के होश उड़ा दिए हैं।

राजघाट पर दौड़े अन्ना
राजघाट स्थित गांधी समाधि होते हुए रामलीला मैदान पहुंचे अन्ना की रगों में जनसमर्थन की ऊर्जा ने नए जोश का संचार किया है। 74 वर्षीय समाजसेवी ने इसी जोश के चलते चार दिन से अनशन पर रहने के बावजूद राजघाट पर दौड़ भी लगा डाली। देशभर में आंदोलन के समर्थन में सड़कों पर उतरे जनसमूह की अपनी टीम से मिली सूचनाओं के बीच अन्ना करीब तीन घंटे में तिहाड़ से रामलीला मैदान के मंच पर पहुंचे। मैदान पर हजारों की भीड़ देखकर वे माइक थामे बिना नहीं रह सके।

वजन 10 किलो भी घटे तब भी पीछे नहीं

तिहाड़ के बाहर कही अपनी बातों को दुहराते हुए अन्ना ने कहा कि अब चाहे अन्ना रहे न रहे, भ्रष्टाचार के खिलाफ मशाल जलती रहनी चाहिए। सड़कों पर उतरे युवाओं की उमंगों को पहचानते हुए अन्ना ने अपने आंदोलन को लंबा चलाने की जवाबदेही भी युवाओं के कंधो पर ही रहने की बात कही। अन्ना ने कहा कि चार दिन में उनका तीन किलो वजन घटा है मगर युवाओं की भीड़ देखने के बाद वजन 10 किलो भी घटता है तो भी वे अनशन नहीं छोड़ेंगे।
किसने क्या कहा
भ्रष्टाचार के खिलाफ यह जंग आजादी की दूसरी लड़ाई है। क्रांति की इस मशाल को हमें जीत हासिल होने तक जलाए रखना होगा। आंदोलन को लंबा चलाने की जवाबदेही युवाओं की है।
-अन्ना हजारे

संसद की स्थायी समिति को केंद्र सरकार ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है।
-अरविंद केजरीवाल

हम खुले दिमाग से सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
-प्रशांत भूषण




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